गैरसैंण,
चमोली जिले के जयकंडी-कालेश्वर में आयोजित 3-दिवसीय जन सूचना अभियान आज सम्पन्न हो गया। समापन सत्र में मुख्य अतिथि राज्य विधानसभा उपाध्यक्ष, डा. अनसूया प्रसाद मैखुरी ने उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भोटिया जनजाति बहुल इस दूरस्थ क्षेत्र में आयोजित जन सूचना अभियान के माध्यम से केंद्र सरकार की विकास और जन कल्याण की योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने में बड़ी सहायता मिली है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इन योजनाओं का पूरा फायदा उठाएं। इस अवसर पर श्री मैखुरी ने पुरस्कार वितरण किया और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित कालेश्वर की लड़की स्वर्गीय मोनिका के पिता चन्द्रमोहन सिंह और माता कमला देवी को भी सम्मानित किया। मोनिका ने पिछले वर्ष कालेश्वर की 2 लड़कियों को अलकनन्दा में बहने से बचाया, लेकिन इस प्रयास में उनकी जान चली गई। कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए 24 प्रदर्शनी स्टाॅलों में सर्वोत्तम स्टाॅल का पुरस्कार सर्व शिक्षा अभियान, चमोली को दिया गया। दूसरा और तीसरा पुरस्कार क्रमशः हिमालयन उद्योग कौशल विकास एवं प्रशिक्षण समिति, नगरासू और जागृति सेवा समिति, देवतोली को प्रदान किया गया।
अभियान के दौरान आज आयोजित किए गए कार्यक्रमों में सर्व शिक्षा अभियान, शिक्षा का अधिकार कानून और मध्याह्न भोजन योजना पर विशेषज्ञों की वार्ता तथा सर्व शिक्षा रैली शामिल है। सर्व शिक्षा रैली जयकंडी-कालेश्वर मैदान से निकाली गई, जो कालेश्वर बाजार होते हुए वापस इसी मैदान में सम्पन्न हुई। रैली में स्कूली बच्चों और स्थानीय लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। बच्चों ने अपने हाथों में सर्व शिक्षा के संदेश की तख्तियां लेते हुए नारे लगाकर लोगों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के बारे में जागृत किया। सर्व शिक्षा अभियान के जिला संयोजक, सुभाष चन्द्र बड़थ्वाल ने बताया कि वर्तमान में चमोली जिले में 6 से 14 वर्ष की आयु का कोई भी बच्चा विद्यालयी शिक्षा से वंचित नहीं है। जिले के 101 विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे, जो पहले गृह आधारित शिक्षा पाते थे, वर्तमान में एस्काॅर्ट सुविधा से कवर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक शिक्षा के तहत भिखारी, खनन क्षेत्र में कार्यरत मजदूर, घुमंतु और प्रवासियों के बच्चों के लिए आवासीय या गैर आवासीय शिक्षण के लिए बहुद्देशीय वाहन पहल कार्यक्रम शुरु किया गया है। समावेशी शिक्षा के तहत विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों हेतु परीक्षा उपकरण बांटना, परिवहन एस्काॅर्ट उपलब्ध कराना और बड़ी छपी पुस्तक या ब्रेल किताब देना शामिल है। विषय विशेषज्ञ, चण्डी प्रसाद नौटियाल ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसके तहत प्रत्येक मान्यता प्राप्त विद्यालय में पहली कक्षा में 25 प्रतिशत सीटें अपवंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित की गई हैं। इसके साथ ही यह सुनिश्ति किया गया है कि इन बच्चों के प्रवेश के लिए कोई विद्यालय कैपिटेशन फीस न वसूल सके। इसके अलावा इन बच्चों को किताब, वर्दी और भोजन हेतु धनराशि उनके बचत खातों में जमा की जाती है तथा शिक्षण शुल्क के रूप में संबंधित विद्यालय को प्रति छात्र अधिकतम रु0 1,383 दिए जाते हैं।
ब्लाॅक समन्वयक, जी.एल. भारती ने मध्याह्न भोजन के बारे में बताया कि प्राथमिक स्तर पर 100 ग्राम प्रति छात्र और उच्च प्राथमिक स्तर पर 150 ग्राम प्रति छात्र प्रतिदिन के हिसाब से केंद्र सरकार के द्वारा खाद्यान्न निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही दाल, तेल, मसाले, नमक और ईंधन हेतु प्राथमिक स्तर पर रु0 3.76 प्रति छात्र और उच्च प्राथमिक स्तर पर रु0 5.64 प्रति छात्र प्रतिदिन के हिसाब से दिए जाते हैं।
आज रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियां विशेष रूप से दर्शकों के लिए मनोरंजक और आकर्षक रहीं। भोटिया महिला मंगल दल, कालेश्वर द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम को दर्शकों ने खूब सराहा। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, घाट के बच्चों ने जूडो प्रदर्शन दिखाया।
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