गैरसैंण
जनपद के सुनाली एवं जेटी गाॅव के 2013 मे आपदा से प्रभावित 39 परिवारों का उपाध्यक्ष विधानसभा/विधायक कर्णप्रयाग के कर कमलों से गृह प्रवेश किया गया।गुरूवार को जून 2013 की आपदा से प्रभावित जनपद के सुनाली एवं जेटी गांव के 39 परिवारों द्वारा विश्व बैंक के सहयोग से राज्य सरकार द्वारा संचालित आवास नीति के तहत सरकार द्वारा संचालित आवास नीति के तहत नवनिर्मित घरों में उपाध्यक्ष डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी की उपस्थिति में गृह प्रवेश किया गया। इस अवसर पर उन्होंने नवनिर्मित भवनों का पाॅच लाख रू0 का दस वर्ष तक इनश्योरेंस के पाॅलिसी बाॅण्ड भी लाभार्थियों को वितरित किये।
इस अवसर पर राइका कोट कण्डारा में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रभावित परिवारों के लिए स्वयं भवन निर्माण ओडीसीएच का विकल्प दिया गया है। जिसके तहत जनपद में 2013 की आपदा से प्रभावित 584 परिवारों को अपना आशियाना शीघ्र मिलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा भवन निर्माण के लिए पाॅच डिजायन तैयार कर प्रभावितों को दिया गया है। इसके अलावा यह भी विकल्प दिया गया है कि प्रभावित भवन स्वामी अपने भवन का डिजायन अपनी आवश्यकतानुसार तैयार कर सकता है। कहा कि 584 लाभार्थियों में से 549 लाभार्थियों द्वारा अपने भवनों का डि़जायन तकनीकी एजेन्सी सुधा के फील्ड़ इन्जीनियर के साथ मिलकर किया गया है।
इस अवसर पर अधिशासी निदेशक सुधा एजेन्सी दिनेश तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा कि इस परियोजना के तहत उत्तराखण्ड आवास नीति के तहत भवनों का निर्माण कम से कम 40 स्क्वायर मी0 में करने का प्रावधान रखा गया जिसमें 2 कमरे एक बरामदा, कीचन एवं शौचालय का निर्माण होना है। भूकम्प अवरोधी भवन निर्माण होने के पश्चात राज्य सरकार द्वारा भवन का 5 लाख रू0 का दस वर्ष का बीमा किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर शिकायत पंजिका का प्रावधान रखा गया है। भवन निर्माण सुरक्षित भूमि पर हो इसके लिए भवन निर्माण से पूर्व भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाया गया। सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर भवन निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार की आवास नीति के तहत 95 गांवों के 584 परिवारों को जिला प्रशासन द्वारा चयनित किया गया है इन परिवारों को भवन निर्माण के लिए 5 लाख रू0 चार किस्तों मे निर्गत करने का प्रावधान रखा गया है। सहमति पत्र हस्ताक्षर होने पर प्रथम किस्त के रूप में एक लाख पचास हजार, भवन फाउण्डेशन निर्माण पूर्ण होने पर द्वितीय किस्त के रूप में दो लाख, लेण्टर बैंड पर तीसरी किस्त के रूप में एक लाख तथा भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने पर पचास हजार भुगतान किया जाता है। जनपद में 487 लाभार्थियों को मासिक किराया तीन हजार रू0 जून 2014 से मई 2015 तक दिया गया है। बताया कि जनपद में 584 प्रभावितों के भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें प्रथम किस्त के रूप में सभी लाभार्थियों को एक लाख पचास हजार भुगतान किया जा चुका है। 555 को द्वितीय किस्त, 424 लाभार्थियों को तृतीय किस्त तथा 219 लाभार्थियों को चैथी किस्त का भुगतान किया जा चुका है। दिसम्बर तक शेष सभी परिवारों को सभी किस्तों का भुगतान किया जाना है। बताया कि तहसील जोशीमठ में 34 परिवारों, तहसील चमोली के छिनका बौंला में 7 परिवारों एवं पोखरी तहसील के ग्राम रानौं में 7 परिवारों को जिला प्रशासन द्वारा भूमि उपलब्ध करायी गयी है। इसके अलावा छिनका एवं थराली के 187 लाभार्थी जिनके पास भूमि उपलब्ध नहीं थी तकनीकी एजेन्सी एवं जिला प्रशासन के समन्वय से भवन निर्माण हेतु भूमि सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित किया गया। उन्होंने बताया कि तहसील कर्णप्रयाग के सुनाली, जेटी, जोशीमठ तहसील के पुलना भ्यूंडार, थराली तहसील के त्यूला, छिपाली, भ्याड़ी, चमोली तहसील के छिनका के 75 लाभार्थियों द्वारा कलस्टर एप्रोच में भवनों का निर्माण किया जा रहा है।
इस अवसर पर उपजिलाधिकारी/प्रभारी जिलाधिकारी चमोली रामजी शरण शर्मा, ग्राम प्रधान सोनाली, बातौड़ी, नौली, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी नन्द किशोर जोशी, जिला परियोजना प्रबन्धक आपदा रिकवरी प्रकाश रतूड़ी सहित अनेक महिला समूह तथा भवन स्वामी मौजूद थे।
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