Monday, December 28, 2015

सलियाणा वासियों के हिस्से आ रही धूल, भूमि काश्तकारों को वापस दे सरकार

          

गैरसैंण,
उत्तराखण्ड की राजधानी के लिये चर्चित गैरसैण नगर पंचायत के वार्ड एक सलियाणा वासियों के हिस्से अपनी ऊपजाऊ जमीन के बदले धूल रही है जिससे ग्रामीण परेशान हैं।ग्रामवासियों ने क्षेत्रीय विधायक डा अनुसूया प्रसाद मैखुरी से जमीन काश्तकारों को लौटाने की मांग की है क्योंकि शिक्षा निदेशालय हेतु दी गयी भूमि पर 23 साल बाद भी शिक्षा निदेशालय नही बना।
     उत्तराखण्ड राज्य की मांग के बीच 19 नवम्बर 1991 को उत्तरप्रदेश की तत्कालीन कल्याण सिंह सरकार के गैरसैण में अपर शिक्षा निदेशालय(पर्वतीय) के तीन मंत्रियों ने गैरसैंण में अपर शिक्षा निदेशालय का उदघाटन किया। उस समय पर्वतीय क्षेत्र (आज के उत्तराखण्ड) के लिये यह शिक्षा विभाग का एकमात्र निदेशालय था।
 निदेशालय हेतू सलियाणा ग्राम वासियों ने अपनी 102 नाली उपजाऊ भूमि मात्र सात हजार रू प्रति नाली के हिसाब से शिक्षा विभाग को दी लेकिन सरकार ने उस जमीन पर अपर शिक्षा निदेशालय तो नहीं बनाया लेकिन पिछले दो सालों से कैबिनेट बैठक तथा अन्य अवसरों पर हैलीपैड के रूप में इसका इस्तेमाल हो रहा है। जबकि पिछले विधानसभा सत्र में विधायकों के टैन्ट इसी जमीन में लगे थे। सलियाणा के ग्रामवासियों ने अपर निदेशालय की भूमि पर शिक्षा निदेशालय बनाये जाने की मांग की है।
      “जिस प्रायोजन के लिये भूमि अधिगृहित हुई है उसे दुसरे प्रयोजन में नहीं लिया जा सकता” 
                                                                 -सभासद दिगम्बर सिंह
    “हमने जमीन विकास के लिये दी थी मात्र धूल उडाने या गाडियों का काफिला सजाने के लिये नहीं।
                                                           -पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य हयात सिंह
   “भाजपा की हरकते छल करने की रही हैं उसने तो गैरसैण से अपर शिक्षा निदेशालय भी हटा दिया।”                    
                                                       -कांग्रेस ब्लाॅक अध्यक्ष बृजलाल साह
कांग्रेस सरकार लोगो की आंखों में धूल झोंक रही है, सलियाणा बैण्ड उसका उदाहरण है।
                                            -भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुरेन्द्र सिंह नेगी

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