Saturday, November 21, 2015


 सुरेन्द्र भण्डारी को खेल रत्न व शिक्षक घनश्याम ढौंडियाल को राष्ट्रपति पुरस्कार देने की मांग
गैरसैंण, 21 नवम्बर
   यायावर जन चेतना समिति ने उत्तराखण्ड के पहले एथलीट सुरेन्द्र भण्डारी को उत्तराखण्ड खेल रत्न तथा शिक्षक घनश्याम ढौंडियाल को राष्ट्रपति पुरस्कार देने की मांग की है।
   उत्तराखण्ड एक्सप्रेस के नाम से जाने जाने वाले लम्बी दुरी के पूर्व धावक सुरेन्द्र भण्डारी ने 2006 के दोहा एशियाई खेल तथा 2008 के बीजिंग ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। अनेक अन्र्तराष्टीय प्रतियोगिताओं में भारत और राष्टीय प्रतियोगिताओं में उत्तराखण्ड को पदक दिलाने वाले सुरेन्द्र भण्डारी के नाम 3000 मीटर व 10000 व 3000 मीटर रिले दौड के राष्ट्रीय रिकार्ड हैं।
    2009 में मांस पेशी में खिचांव के बाद उचित चिकित्सा सुविधा न मिलने से उनका खेल कैरियर बरबाद हो गया। उस समय वे भारत में लम्बी दुरी के सर्वश्रेष्ठ धावक थे। राष्टीय खेल संस्थान पटियाला से कोचिंग डिप्लोमा लेने के बाद सुबेदार सुरेन्द्र भण्डारी वर्तमान में राष्टीय खेल प्राधिकरण के प्रशिक्षक हैं और द कोरिया में गत वर्ष हुए एशियाई खलों में उनके एक शिष्य ने कांस्य पदक जीता है।
  रा प्रा वि स्यूंणी मल्ली के प्रधानाध्यापक घनश्याम ढौंडियाल शिक्षा में अभिनव प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं। उन्होनें राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सबसे पहले अपने विद्यालय में बच्चों के लिए कम्प्यूटर मंगाये। मोटर मार्ग से 4 किमी दूर साइकिल मंगाकर बच्चों को साइकिल चलाना सिखाया। शिक्षण की नवीनतम पद्धतियों के अविष्कारक घनश्याम ढौंडियाल के विद्यालय को शिक्षण भ्रमण टीमें देख चुकी हैं और उनके विद्यालय शिक्षण की सीडी कई राज्यों में शिक्षण का माध्यम बनी हुई है।
   समिति ने सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में सुरेन्द्र भण्डारी को उत्तराखण्ड खेल रत्न व शिक्षक घनश्याम ढौंडियाल को राष्ट्रपति पुरस्कार देने की पुरजोर मांग की ह







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