Friday, November 20, 2015

    रीजनल रिपोर्टर उत्तराखण्डी सरोकारों की मासिक पत्रिका के ब्लाॅग में आपका स्वागत। पिछले आठ सालों से ‘सरोकारों से साक्षात्कार‘ का मंत्र लिए रीजनल रिपोर्टर को  उसके पाठकों, लेखकों, संपादकीय सहयोगियों व विज्ञापनदाताओं का जो सहयोग-स्नेह मिला है उसके हम आभारी हैं।
  रीजनल रिपोर्टर ब्लाॅग से हम आप सबसे निरन्तर जुडने और उत्तराखण्ड के हर उस मुद्दे को आपके सामने लाने का प्रयास करेंगे जिनके लिए उत्तराखण्ड के 42 जांवाजों ने अपनी शहादत दी। मुजफ्फरनगर कांड जैसी अमानवीय यातना सही और रात-दिन एक कर उत्तराखण्ड की मांग मनवाने में सफल रहे।
   खेद है कि शहादतों से बने राज्य के गठन के बाद भी हमारे तीन साथियों को शहादत देनी पडी और सत्ता का बडा से बडा खेल सत्ता के गलियारों में बदस्तूर जारी है जिनका उत्तराखण्डी सरोकारों से कोई वास्ता नही है।
 हम अपने प्रिय मित्रों से अनुरोध करना चाहेंगे कि सत्ता के ऐसे घिानौने स्वार्थों के विरुद्ध ‘सरोकारों की इस लडाई में‘ रीजनल रिपोर्टर के हाथ मजबूत करेंगे।
 सादर अभिवादन सहित
पुरुषोत्तम असनोड़ा
संपादक

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