Wednesday, March 23, 2016

रीजनल रिपोर्टर सरोकारों को प्रतिवद्ध-उत्तराखंड में होली और सरोकार

उत्तराखंड में होली और सरोकार
स्वागत है ऋतुराज तुम्हाराः संपादक पुरुषोत्तम असनोड़ा की संपादकीय के साथ रीजनल रिपोर्टर का मार्च अंक होली और उत्तराखंड के सरोकारों को दर्शाता है। अंक में शामिल आलेखों की संक्षिप्त चर्चा के साथ रीजनल रिपोर्टर के लेखकों, पाठकों व विज्ञापन दाताओं को होली की शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं-
कवर स्टोरी
- होरी के दिनन में, अब न करत मो से रंज: गौरी शंकर थपलियाल
- दो सौ साल से ज्यादा पुरानी है श्रीनगर की होलीः कृष्णानंद मैठाणी
- टिहरी की होली, बस यादें ही शेष: आलोक प्रभाकर
- कुमाऊं की होली का है एक अलग अंदाजः जगमोहन रौतेला
- रंग डारि दियो हो अलबेलिन मेंः गिर्दा
- गिरदा के लिए होली भी रही जनसंघर्ष का पर्यायः राजीव लोचन साह
- हां! आज होली है: अरूण कुकसाल
स्थाई स्तंभ
मंथन- हाई स्पीड ट्रेन का आगाजः भरत झुनझुनवाला
खबरों की खबर- छलावा साबित हुए रोजगार के दावे, जायज मांग करना भी गुनाह बना, अतिथि शिक्षकों का दबावः सीताराम बहुगुणा ।
प्राथमिक विद्यालयों में तेजी से घट रही है छात्र संख्याः ईश्वरी दत्त जोशी ‘ईश्वर’।
सफलता की कहानी राजेंद्र सिंह बिष्टः प्रकाश जोशी।
पुस्तक ‘लोक का बाना’ का विमोचन, चकबन्दी पर सरकार को दिए सुझावः रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो।
नगरनामा- गैरसैंणः सबके दिलों का सैंण: एल. मोहन कोठियाल
न्यू मीडिया गुरू- वेबसाइटों का बढ़ता दायराः जयप्रकाश पंवार ‘जेपी’
स्वास्थ्य परिचर्चा - नियम पूर्वक करें व्यायाम: डाॅ.सुशान्त मिश्र ;आयुर्वेदाचार्यद्ध
जानें अपने राज्य को - महिला सशक्तिकरण एवं उत्तराखंडः जी.एस.नेगी
बाल मन की उड़ान- अभिसार काला, लक्ष्य बहुगुणा, प्रणव नैथानी, बाल कहानी- चिकचिक और हवाः डाॅ.उमेश चमोला।
कविता- मन की तरंग: प्रो.राजाराम नौटियाल
बकम बम जि बकम बम - हो हो होलक रे: उर्मिल कुमार थपलियाल
विशेष आलेख
असल मुद्दों को भटकाने की नकली लड़ाईः जगमोहन रौतेला
द ग्रेट खली रिटर्न के बाद उत्तराखंड की राजनीति को मिला नया मुद्दाः विपिन बनियाल
चुनिंदा ब्यूरोक्रेटों के चंगुल में सरकारः वीरेंद्र पैन्यूली
जनपक्षीय पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियांः शीना उपाध्याय
जेएनयू का छात्र रहने पर गर्व है मुझेः डाॅ.शमशेर सिंह बिष्ट
सवाल तो हैं, पर जवाब देगा कौनः गजेंद्र नौटियाल
विधायकों के पास सुरक्षित 71 प्रतिशत विधायक निधि ः नदीम उद्दीन
दोहरे आदेशों के बीच झूलती शिक्षा व्यवस्थाः केपीएस अधिकारी

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