Saturday, January 2, 2016

ग्राम प्रधान संगठन ने निकाला जूलूस, राज्य वित्त को ग्राम पंचायतों को देने की मांग


गैरसैंण,
   ग्राम प्रधान संगठन ने राज्य वित्त व्यय को क्षेत्र पंवायत व जिला पंचायत में दिये जाने का विरोध करते हुए जूलूस निकाला और ब्लाक कार्यालय बन्द कराया। मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में ग्राम प्रधान संगठन ने कहा पंचायतों की पहली सीढी की सरकार उपेक्षा कर रही है जिसके गम्भीर परिणाम होंगे। पंचायततीराज कानून के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायत में ग्राम पंचायत को बहुत अधिकार दिए गये हैं । संविधान संशोधन 73, 74 पंचायत और नगर निकायों को लोकतंत्र की प्राथमिक इकाई के रुप में 29 विभागों का दायित्व सोंपने की व्यवस्था करता है लेकिन उत्तराखण्ड में यह बयार उल्टी बह रही है। राज्य के गठन के 15 सालों में उसका अपना पंचायतराज कानून नही है और उप्र ग्राम पंचायत और क्षेत्र समिति विधेयक व नियमावली से अब तक काम चलाया जा रहा है।
उत्तराखण्ड की कोई भी क्षेत्र पंचायत बैठक अधिकारियों के न पहुंचने पर हंगामे के बिना पूरी नही होती, इसका कारण अधिकारियों की उपस्थिति की पुख्ता व्यवस्था न होना है। उप्र ग्राम सभा व क्षेत्र समिति विधेयक में जिलास्तरीय अधिकारियों को सलाह हेतु आमंत्रण तक सीमित है। 29 विभाग को पंचायतों को सोंपने में न केवल नौकर शाही बल्कि विधायिका भी आडे आ रही है। दाता की स्थिति को अपना विषेशाधिकार मानने वाली विधायिका उन सारे विभागों का नियंत्रण का मोह नही छोड रही है। ग्राम प्रधान संगठन भी समग्र मांगों को लेकर टुकडों में आन्दोलन करते दिखते हैं और ये आन्दोलन लबी रणनीति का हिस्सा न होकर तदर्थ हितो ंपर अधिक केद्रित हो रहे हैं।
   आज ग्राम प्रधान संगठन का आन्दोलन जो राज्य वित्त को ग्राम पंचायतों को देने की मांग कर रहा था, ब्लाक कार्यालय से प्रारम्भ जूलूस नारेबाजी के साथ बाजार चैराहा तहसील पंहुचा जहां उपजिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रधान संघ के अध्यक्ष महावीर सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष विरेन्द्र वर्मा, सोबन सिंह, चन्द्र सिंह, चन्द्रा देवी, कमला देवी, कुंवर सिंह आदि आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे थे।

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