सरोकारों से साक्षात्कार की मासिक पत्रिका रीजनल रिपोर्टर का नवम्बर-दिसम्बर संयुक्तांक गैरसेंण राजधानी पर सता व विपक्ष के ढुलमुल रवैये को उद्घाटित करता-गैरसैंण प्रेम का प्रपंच, डीडा नैनीसार में जन संसाधानों की लूट और श्रीनगर के बैंकुण्ठ चतुर्दशी मेला की धूम की कवर स्टोरी लिए है।पढें-
कवर स्टोरी में बेनकाब हुए पक्ष,विपक्ष- इंद्रेश मैखुरी, आंध्र से भी नही ली सीख- सीताराम बहुगुणा, मैं गैरसैंण हूं- महिपाल नेगी और जनाकांक्षाओं पर भारी रहा हंगामा- पुरुषोत्तम असनोड़ा के आलेख हैं। डीडा नैनीसार पर ईश्वर दत्त जोशी की रिपोर्ट-‘डीडा नैनीसार में जन संसाधनों की लूट, पहाड में जमीन पूंजीपतियों को देने की शुरुआत’, भू कानूनों की पडताल-पुरुषोत्तम शर्मा तथा श्रवण सेमवाल व शीना उपाध्याय की बैकुण्ठ चतुर्दशी मेला की रिपोर्ट-‘सतरंगी रंगों में भीगा श्रीनगर’ अच्छे आलेख हैं।
स्थाई स्तंभों में उर्मिल कुमार थपलियाल का बकम बम ’खंडहरों में दिवाली‘, डा भरत झुनझुनवाला का चिंतन-‘आरक्षण नही सरकारी कर्मियों की लूट है समस्या’, न्यू मीडिया गुरु जयप्रकाश पंवार का स्तंभ-‘बढता इण्टरनेट समुदाय’, अपने राज्य को जानें जी एस नेगी द्वारा राज्य स्थापना दिवस पर जुटाई सामग्री जानकारी बढाते हैं। वरिष्ठ पत्रकार हरीश चन्द्र चंदोला ने मेलों को लेकर - राज्य की खेती आलेख लिखा है। इको सेंस्टिव जोन पर प्रकाश रांगड का आलेख है तो साहिब सिंह सजवाण द्वारा सरिता रौतेला का साक्षात्कार-‘गणतंत्र की मिसाल है सरिता रौतेला’ पंचायतों में महिला भागीदार की अच्छी शुरुआत बताते हैं।
चर्चा में हैं उद्योगपति मोहन काला- गंगा असनोडा थपलियाल ने रोजगार की तलाश पहाड के युवा के उद्यमी बनने की गाथा वयां की है। खबरों की खबर में कार्यकारी संपादक एल मोहन कोठियाल ने -‘उत्तराखण्ड में भी बना वाम मोर्चा’, बहुत कठिन डगर है टिकट की, कोदा, झंगोरा और भंाग, गढवाली फिल्म आंचल होगी उत्तराखण्ड व यू के में शूट,आंन लाइन ट्रेडिंग का असर दीपावली पर की चर्चा का है तो खेल पृष्ठ में बी डी असनोड़ा ने खेत खलिहान से वल्र्ड चैम्पियन तक चन्दन डंगवाल की गाथा लिखी है।
पलायन पर तीन आयोजनों को ब्यूरो ने कवर किया है और साहित्य में मुकेश नौटियाल की कहानी ‘लम्बोडा‘ है। पूर्व मंत्री बलदेवसिंह आर्य पर एल मोहन कोठियाल का विचारोत्तेजक लेख है।
Umesh Nailwal
No comments:
Post a Comment