रीजनल रिपोर्टर -जून जुलाई 16 स्ंायुक्तांक-सरकार बहाल-जनता बर्खास्त
सरोकारों से साक्षात्कार की मासिक पत्रिका रीजनल रिपोर्टर का जून-जुलाई 16 संयुक्तांक सरकार बहाल-जनता बर्खास्त की कबर स्टोरी लिए है जिसमें उत्तराखण्ड में हुए समूचे राजनैतिक घटनाक्रम के बाद सरकार की बहाली के बावजूद जनता की लगातार बढती मुसीबतों से रुबरु कराया गया है। देश के कांग्रेस मुक्त का नारा देने वाली भाजपा उत्तराखण्ड में कांग्रेस के 10 विधायक लेकर किस प्रकार कांग्रेस युक्त हो गयी है कवर स्टोरी में ही व्याख्या की है संपादकीय सहयोगी सीताराम बहुगुणा ने। तीसरी कवर स्टोरी जीतेन्द्र अंथवाल ने चार धाम यात्रा को निरापद बताते हुए की है- बेखौफ चले आईये केदारनाथ। चार यात्रा पर वरिष्ठ पत्रकार हरीश चन्द्र चंदोला का आलेख है-चढाव उतार पर यात्रा।
संपादकीय सहयोगी विपिन बनियाल ने- राष्ट्रपति शासन में काम हरीश राज में ऐलान व हार जीत किनारे सुलग रहे दलों के घर आलेख लिखे हैं। कार्यकारी संपादक एल मोहन कोठियाल की खबरों की खबर में -मलाईदार हुआ प्रवन्धक का पद, राजनैतिक चालों से कमजोर होती भाजपा, मौसम विभाग- रोज रोज की वार्निंग, तथा नगर नामा में बागेश्वर पर अच्छी सामग्री है। हल्द्वानी प्रतिनिधि ओ पी पाण्डे ने मई जून में विभिन्न स्थानों पर हुए सिनेमा शो पर रिपोर्ट की है-सिनेमा को आम जन तक पहुंचाने का तरीका प्रतिरोध का सिनेमा। सोच और कर्म के धनी शिक्षक घनश्याम ढौंडियाल, प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी व विद्वान संपादक स्व रामप्रसाद बहुगुणा की स्मृति में पहले राज्य स्तरीय पुरस्कार समता संपादक दयाशंकर टम्टा को मिलने, एवरेस्ट विजेता नूतन वशिष्ठ पर विपिन सेमवाल का आलेख, मो व पुरोला के बागानों में आंधी तूफान का कहर-दलवीरसिंह रावत, कोठियाडा गांव तबाह-धूमसिंह जखेडी, गोपाल मेहरा ने परिश्रम से खडा किया कारोबार, मोहन काला की सक्रीयता से दावेदारों में बेचैनी, इन पत्रकारों के पौ बारह-डा वीरेन्द्र बत्र्वाल सहित कई आलेख हैं।जगमोहन रौतेला का आलेख जमीन के मालिकाना हक के लिए लडते लोग, व वीरेन्द्र पैन्यूलीकालेख सत्तरा में येसहत्तर तो नही विशेष हैं।
स्थाई स्तंभों में उर्मिल कुमार थपलियाल का व्यंग बकमबम-कोऊ हो राजा हमें तो हानि ही हानि, डा भरत झाुनझाुनवाला का आलेख-नेट न्यूट्रेलिटी के बढते कदम, जय प्रकाश पंवार‘जे पी‘नया समाज न्यू मीडिया सोसायटी, डा प्रीतम अपच्छांण का व्यंग-अतिथि प्रदेश में आपका स्वागत है व उत्तराखण्छ को जानिये में परिचय करा रहे है जी एस नेगी उत्तराखण्ड में स्थित अंतरराष्ट्रीय अंजरराज्यीय जल विद्युत योजनाओं से।
साहित्य में मनोजकांत उनियाल की कहानी-मुंशी जी,फिल्म समीक्षा भुली ऐ भुली-धनेश कोठारी,पुस्तक समीक्षा रंजना शर्मा के कविता संग्रह हस्ताक्षर- अतुल शर्मा, व अखिलेश चन्द्र चमोला की नैतिक बोधकथाण्ें- सीताराम बहुगुणा, विमल बहुगुणा का यात्रा वृतांत- थाईलेंड की यात्रा और रोमांच हैं।
बाल मन की उडान में अजिता तिवारी की बाल कहानी कर्म ही पूजा व कंन सिरस्वाल का स्वच्छता अभियान पर चित्र है। प्रजामंडल पार्टी पर सामग्री के साथ ही गठन के सबसे विषम दौर में उत्तराखण्ड संपादकीय है।
सरोकारों की पत्रिका से जुडने के लिए आज ही संम्पर्क करें-मो 9411354767, 9412079290, लेंडलाइन 01346-252298
e mail editor.r.reporter@gmail/com
regional.reporter@yahoo.co.in
सरोकारों से साक्षात्कार की मासिक पत्रिका रीजनल रिपोर्टर का जून-जुलाई 16 संयुक्तांक सरकार बहाल-जनता बर्खास्त की कबर स्टोरी लिए है जिसमें उत्तराखण्ड में हुए समूचे राजनैतिक घटनाक्रम के बाद सरकार की बहाली के बावजूद जनता की लगातार बढती मुसीबतों से रुबरु कराया गया है। देश के कांग्रेस मुक्त का नारा देने वाली भाजपा उत्तराखण्ड में कांग्रेस के 10 विधायक लेकर किस प्रकार कांग्रेस युक्त हो गयी है कवर स्टोरी में ही व्याख्या की है संपादकीय सहयोगी सीताराम बहुगुणा ने। तीसरी कवर स्टोरी जीतेन्द्र अंथवाल ने चार धाम यात्रा को निरापद बताते हुए की है- बेखौफ चले आईये केदारनाथ। चार यात्रा पर वरिष्ठ पत्रकार हरीश चन्द्र चंदोला का आलेख है-चढाव उतार पर यात्रा।
संपादकीय सहयोगी विपिन बनियाल ने- राष्ट्रपति शासन में काम हरीश राज में ऐलान व हार जीत किनारे सुलग रहे दलों के घर आलेख लिखे हैं। कार्यकारी संपादक एल मोहन कोठियाल की खबरों की खबर में -मलाईदार हुआ प्रवन्धक का पद, राजनैतिक चालों से कमजोर होती भाजपा, मौसम विभाग- रोज रोज की वार्निंग, तथा नगर नामा में बागेश्वर पर अच्छी सामग्री है। हल्द्वानी प्रतिनिधि ओ पी पाण्डे ने मई जून में विभिन्न स्थानों पर हुए सिनेमा शो पर रिपोर्ट की है-सिनेमा को आम जन तक पहुंचाने का तरीका प्रतिरोध का सिनेमा। सोच और कर्म के धनी शिक्षक घनश्याम ढौंडियाल, प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी व विद्वान संपादक स्व रामप्रसाद बहुगुणा की स्मृति में पहले राज्य स्तरीय पुरस्कार समता संपादक दयाशंकर टम्टा को मिलने, एवरेस्ट विजेता नूतन वशिष्ठ पर विपिन सेमवाल का आलेख, मो व पुरोला के बागानों में आंधी तूफान का कहर-दलवीरसिंह रावत, कोठियाडा गांव तबाह-धूमसिंह जखेडी, गोपाल मेहरा ने परिश्रम से खडा किया कारोबार, मोहन काला की सक्रीयता से दावेदारों में बेचैनी, इन पत्रकारों के पौ बारह-डा वीरेन्द्र बत्र्वाल सहित कई आलेख हैं।जगमोहन रौतेला का आलेख जमीन के मालिकाना हक के लिए लडते लोग, व वीरेन्द्र पैन्यूलीकालेख सत्तरा में येसहत्तर तो नही विशेष हैं।
स्थाई स्तंभों में उर्मिल कुमार थपलियाल का व्यंग बकमबम-कोऊ हो राजा हमें तो हानि ही हानि, डा भरत झाुनझाुनवाला का आलेख-नेट न्यूट्रेलिटी के बढते कदम, जय प्रकाश पंवार‘जे पी‘नया समाज न्यू मीडिया सोसायटी, डा प्रीतम अपच्छांण का व्यंग-अतिथि प्रदेश में आपका स्वागत है व उत्तराखण्छ को जानिये में परिचय करा रहे है जी एस नेगी उत्तराखण्ड में स्थित अंतरराष्ट्रीय अंजरराज्यीय जल विद्युत योजनाओं से।
साहित्य में मनोजकांत उनियाल की कहानी-मुंशी जी,फिल्म समीक्षा भुली ऐ भुली-धनेश कोठारी,पुस्तक समीक्षा रंजना शर्मा के कविता संग्रह हस्ताक्षर- अतुल शर्मा, व अखिलेश चन्द्र चमोला की नैतिक बोधकथाण्ें- सीताराम बहुगुणा, विमल बहुगुणा का यात्रा वृतांत- थाईलेंड की यात्रा और रोमांच हैं।
बाल मन की उडान में अजिता तिवारी की बाल कहानी कर्म ही पूजा व कंन सिरस्वाल का स्वच्छता अभियान पर चित्र है। प्रजामंडल पार्टी पर सामग्री के साथ ही गठन के सबसे विषम दौर में उत्तराखण्ड संपादकीय है।
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